आरती श्री लक्ष्मी जी की, Aarti Shri Laxmi Ji Hindi Lyrics

आरती श्री लक्ष्मी जी की, Aarti Shri Laxmi Ji Hindi Lyrics
आरती श्री लक्ष्मी जी की,

Singer(s): Alka Yagnik
Music Director: Sayed Ali
Lyricist: Traditional

 

आरती श्री लक्ष्मी जी की ,Aarti Shri Laxmi Ji Hindi Lyrics



आरती श्री लक्ष्मी जी की


जय लक्ष्मी माता , ( मैया ) जय लक्ष्मी माता । 
तुमको निशदिन सेवत हर विष्णु विधाता ॥ ॐ ॥ 

उमा , रमा , ब्रह्माणी रुद्राणी तू ही जग माता । 
सूर्य चन्द्रमा ध्यावत , नारद ऋषि गाता ॥ ॐ ॥ 

दुर्गा रूप निरंजनि , सुख - सम्पत्ति दाता । 
जो कोई तुमको ध्यावत , ऋद्धि सिद्धि धन पाता ॥ ॐ ॥ 

तुम पाताल - निवासिनी , तू ही है शुभदाता । 
कर्म - प्रभाव प्रकाशिनी , भवनिधि की त्राता ॥ ॐ ॥ 

जिस घर तुम रहती , तहँ सब सद्गुण आता । 
सब सम्भव हो जाता , मन नहीं घबराता ॥ ॐ ॥ 

तुम बिन यज्ञ न होते , वस्त्र न कोई पाता । 
खान - पान का वैभव सब तुमसे आता ॥ ॐ ॥ 

शुभ - गुण मंदिर सुन्दर क्षीरोदधि जाता । 
रत्न चतुर्दश तुम बिन कोई नहीं पाता ॥ ॐ ॥ 

महालक्ष्मी जी की आरती , जो कोई नर गाता । 
उर आनन्द समाता , पाप उतर जाता ॥ ॐ ॥


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Aarti shri laxmi ji ki Hindi Lyrics



Jai laxmi mata, maiya jai laxmi mata |
Tumko nish din sevat har vishnu vidhata || Om..

Uma, Rama, Brahmani rudhrani tu hi jag mata |
Surye chandrama dhyavat, narad rishi gata || Om...

Durga rup niranjani, sukh sampati data |
Jo koi tumko dhyavat, ridhdhi sidhdhi dhan pata || Om..

Tum patal nivasini, tu hi he subhdata |
karm prabhav prakasini, bhavnidhi ki trata || Om..

jis ghar tum rahati, teh sab sadgun aata |
Sab sambhav hi jata ,man nhi ghabrata || Om..

tum bin yagye ne hote, vastra ne koi pata | 
khan pan ka vaibhav sab tumse aata || Om..

subh gun mandir sundar kshi rodadhi jata |
ratne chaturdash tum bin koi nhi pata || OM...

mahalaxmi ji ki aarti, jo koi nar gata |
ure aanand samata ,pap utar jata || Om...



आरती श्री लक्ष्मी जी की ,Aarti Shri Laxmi Ji Hindi Lyrics


जय लक्ष्मी माता , ( मैया ) जय लक्ष्मी माता । तुमको निशदिन सेवत हर विष्णु विधाता ॥ ॐ ॥ 
उमा , रमा , ब्रह्माणी रुद्राणी तू ही जग माता । सूर्य चन्द्रमा ध्यावत , नारद ऋषि गाता ॥ ॐ ॥ 
दुर्गा रूप निरंजनि , सुख - सम्पत्ति दाता । जो कोई तुमको ध्यावत , ऋद्धि सिद्धि धन पाता ॥ ॐ ॥ 
तुम पाताल - निवासिनी , तू ही है शुभदाता । कर्म - प्रभाव प्रकाशिनी , भवनिधि की त्राता ॥ ॐ ॥ 
जिस घर तुम रहती , तहँ सब सद्गुण आता । सब सम्भव हो जाता , मन नहीं घबराता ॥ ॐ ॥ 
तुम बिन यज्ञ न होते , वस्त्र न कोई पाता । खान - पान का वैभव सब तुमसे आता ॥ ॐ ॥ 
शुभ - गुण मंदिर सुन्दर क्षीरोदधि जाता । रत्न चतुर्दश तुम बिन कोई नहीं पाता ॥ ॐ ॥ 
महालक्ष्मी जी की आरती , जो कोई नर गाता । उर आनन्द समाता , पाप उतर जाता ॥ ॐ ॥



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